yeh hota hai dark web - इंटरनेट के सदुपयोग और दुरुपयोग की बहस में डार्क वेब हमेशा से चर्चा का बिंदु रहा है। पिछले दिनों जब हैकरों ने कुछ वेबसाइटों के डेटा हैक कर लिये तब यह पुनः चर्चा में आ गया। क्या है डार्क नेट? इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो आमतौर पर प्रयोग किये जाने वाले गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजनों और सामान्य ब्राउज़िंग के दायरे से परे होती हैं। इन्हें डार्क नेट या डीप नेट कहा जाता है। सामान्य वेबसाइटों के विपरीत यह एक ऐसा नेटवर्क होता है जिस तक लोगों के चुनिंदा समूहों की पहुँच होती है और इस नेटवर्क तक विशिष्ट ऑथराइज़ेशन प्रक्रिया, सॉफ्टवेयर और कन्फिग्यूरेशन के माध्यम से ही पहुँचा जा सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 देश में सभी प्रकार के प्रचलित साइबर अपराधों को संबोधित करने के लिये वैधानिक रूपरेखा प्रदान करता है। ऐसे अपराधों के नोटिस में आने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ इस कानून के अनुसार ही उचित कार्रवाइयाँ करती हैं। एक्सेस (Access) के संदर्भ में इंटरनेट को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जाता है- 1. सरफेस वेब (Surface Web) यह इंटरनेट का वह भाग है जिसका आमतौर पर हम दिन...
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