ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी के बीच पाकिस्तान ने रविवार को कहा है कि वह किसी भी देश को युद्ध के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा.
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पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने रविवार को पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सकारात्मक भूमिका निभाएगा और किसी के खिलाफ अपनी धरती को इस्तेमाल नहीं करने देगा. मेजर आसिफ गफूर ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की भी यही राय है.
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आर्मी प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि पाकिस्तान किसी के साथ नहीं है बल्कि वह केवल शांति और शांति का ही साथी है.
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अमेरिका द्वारा ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या को लेकर जब गफूर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति बदल गई है और पाकिस्तान शांति स्थापित करने में अपनी भूमिका अदा करेगा.
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शुक्रवार को बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी स्ट्राइक में ईरानी जनरल सुलेमानी की हत्या कर दी गई थी जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.
हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बातचीत की थी. बातचीत में बाजवा ने अधिकतम संयम और सकारात्मक भूमिका निभाने पर जोर दिया.
हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बातचीत की थी. बातचीत में बाजवा ने अधिकतम संयम और सकारात्मक भूमिका निभाने पर जोर दिया.
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फोन पर हुई बातचीत को लेकर गफूर ने बताया कि बाजवा ने पोम्पियो से दो बातें कहीं. पहली, क्षेत्र खराब परिस्थियों से उबरने की कोशिश कर रहा है और इसमें अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसमें अपनी भूमिका निभाना चाहता है और पूरा फोकस इसी मुद्दे पर बनाए रखना चाहता है.
दूसरी बात, आर्मी चीफ ने पोम्पियो से कहा कि क्षेत्र में तनाव घटाने की कोशिश की जानी चाहिए और सभी संबंधित देशों को बातचीत और कूटनीतिक नजरिए से आगे बढ़ना चाहिए.
दूसरी बात, आर्मी चीफ ने पोम्पियो से कहा कि क्षेत्र में तनाव घटाने की कोशिश की जानी चाहिए और सभी संबंधित देशों को बातचीत और कूटनीतिक नजरिए से आगे बढ़ना चाहिए.
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आर्मी चीफ को कोट करते हुए गफूर ने कहा, पाकिस्तान शांति के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करेगा और उम्मीद करता है कि दुनिया फिर किसी युद्ध की तरफ आगे ना बढ़े.
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क्या ईरान के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान अमेरिका का साथ देगा? इस सवाल के जवाब में गफूर ने कहा कि ऐसी अफवाहें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं. सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर भी बहस छिड़ गई थी कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने इमरान खान के बजाय आर्मी चीफ को फोन क्यों किया. इस बहस को लेकर गफूर ने सफाई में कहा कि यह पोम्पियो और जनरल बाजवा के बीच पहली बातचीत नहीं थी.
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गफूर ने कहा, अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया से लेकर क्षेत्रीय सुरक्षा में आर्मी चीफ बाजवा की अहम भूमिका है और विदेश मंत्रालय पहले ही बयान जारी कर चुका है.
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गफूर ने कहा, मेरी लोगों से अपील है कि लोग और मीडिया केवल आधिकारिक स्रोतों से आई जानकारी पर ही ध्यान दें और किसी तरह के प्रोपैगैंडा और दुश्मन देशों द्वारा फैला जा रही अफवाहों के चक्कर में ना पड़ें.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय सुलेमानी की हत्या के बाद बयान जारी कर सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी और मध्य-पूर्व में हालिया घटनाक्रम को लेकर गंभीर चिंता जताई. पाकिस्तान ने बयान में कहा, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय एकता के लिए सम्मान यूएन चार्टर के मूल सिद्धांतों में से एक है जिसका पालन किया जाना चाहिए. यह बहुत जरूरी है कि किसी भी तरह के बल प्रयोग और एकतरफा कार्रवाई से बचा जाए.
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पाकिस्तान ने कहा कि यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक इन मुद्दों को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.
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'विदेश नीति की समीक्षा करे पाकिस्तान'
संसद के सत्र में विपक्ष ने मांग की कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी उच्च सदन में आकर सांसदों को मध्य-पूर्व में तनावपूर्ण स्थिति पर पाकिस्तान का पक्ष स्पष्ट करें. पाकिस्तान के पूर्व सांसद रजा रब्बानी ने कहा कि अमेरिका ने सुलेमानी की हत्या कर क्षेत्र में एक नए तनाव को पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका-ईरान के खराब होते संबंधों के पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर असर होंगे. विदेश मंत्री को सदन को बताना चाहिए कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान का क्या रुख है और वह किस तरफ खड़ा है.
संसद के सत्र में विपक्ष ने मांग की कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी उच्च सदन में आकर सांसदों को मध्य-पूर्व में तनावपूर्ण स्थिति पर पाकिस्तान का पक्ष स्पष्ट करें. पाकिस्तान के पूर्व सांसद रजा रब्बानी ने कहा कि अमेरिका ने सुलेमानी की हत्या कर क्षेत्र में एक नए तनाव को पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका-ईरान के खराब होते संबंधों के पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर असर होंगे. विदेश मंत्री को सदन को बताना चाहिए कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान का क्या रुख है और वह किस तरफ खड़ा है.
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पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने भी संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वह मध्य-पूर्व में तनाव कम कराने की कोशिश करे. उन्होंने कहा कि सुलेमानी की हत्या से क्षेत्र में गंभीर तनाव पैदा हो गया है. मंत्री ने आगे कहा कि पहले से हिंसाग्रस्त क्षेत्र में युद्ध को बढ़ावा देना किसी के भी हित में नहीं होगा.
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पाकिस्तानी सांसद ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से पाकिस्तान में आर्थिक संकट भी पैदा हो सकता है क्योंकि उनका देश पूरी तरह से तेल आयात पर निर्भर है. उन्होंने कहा, आज इराक पर हमला हुआ है, कल पाकिस्तान पर भी हमला हो सकता है. उन्होंने सवाल पूछा कि अगर ऐसी कोई बुरी स्थिति सामने आती है तो सरकार ने इसके लिए क्या तैयारी कर रखी है?
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एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत पर दोष मढ़ते हुए कहा कि भारत ही ऐसी अफवाहें फैला रहा है. गफूर ने कहा कि उन्होंने भारतीय अखबार का एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें लिखा था कि पाकिस्तान ने ईरान को धोखा दे दिया है. इसमें अमेरिकी सैन्य अभ्यास और शैक्षणिक कार्यक्रम में भी पाकिस्तान की भागेदारी को लेकर भी कयास लगाए गए थे.
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गफूर ने कहा, अमेरिका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रशिक्षण को लेकर सहयोग पहले से ही रद्द है. पिछले चार-पांच महीनों से अमेरिका सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग फिर से शुरू करने की बात कर रहा है. कई महीनों से चल रहे घटनाक्रम को ईरान से जोड़कर देखना प्रोपेगैंडा कैंपेन का ही हिस्सा है.
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आर्मी प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान ने बहुत सी कुर्बानियां देकर शांति हासिल की है और अब वह किसी भी तरह से इसे खतरे में नहीं डालना चाहता है. गफूर ने कहा कि पाकिस्तान इस शांति को खत्म करने की किसी भी कोशिश का हिस्सा कतई नहीं बनेगा.
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